मधुबन में पैर रखने की जगह नहीं, वन-वे ट्रैफिक लागू, जानें ताज़ा हालात
Giridih/Madhuban News: गिरिडीह जिले के प्रसिद्ध जैन तीर्थ स्थल मधुबन (पारसनाथ) में नए साल (New Year 2025) के आगमन और धार्मिक कार्यक्रमों को लेकर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा है। स्थिति यह है कि शहर की धर्मशालाएं और गेस्ट हाउस पूरी तरह पैक हो चुके हैं।
दिसंबर के अंतिम सप्ताह में छुट्टियों के कारण यहाँ न केवल तीर्थयात्री, बल्कि बड़ी संख्या में पर्यटक (Tourists) भी पहुंच रहे हैं। भारी भीड़ के कारण मुख्य मार्गों पर जाम की स्थिति बन गई है, जिससे प्रशासन को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है।
विमल सागर जी महाराज का उध्वारोहण महोत्सव आज से
भीड़ बढ़ने का एक मुख्य कारण प्रसिद्ध जैन संत आचार्य विमल सागर जी महाराज का 'उध्वारोहण महोत्सव' भी है। रविवार (28 दिसंबर) से विमल समाधि मंदिर में इस भव्य कार्यक्रम की शुरुआत हो रही है।
कार्यक्रम की मुख्य बातें:
- तिथि: यह महोत्सव 28 दिसंबर से 30 दिसंबर तक चलेगा।
- महत्व: 29 दिसंबर 1994 को आचार्य विमल सागर जी महाराज ने अपना नश्वर शरीर त्यागा था। उनकी स्मृति में हर साल यह आयोजन किया जाता है।
- अनुष्ठान: इस दौरान पंचामृत अभिषेक, प्रभातफेरी, ध्वजारोहण और विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी।
सड़कों पर जाम, कमरे नहीं मिल रहे
शनिवार को ही मधुबन में हजारों की संख्या में सैलानी पहुंच गए। आलम यह है कि विभिन्न जैन संस्थाओं और होटलों में "No Room" की स्थिति है। कई लोग एडवांस बुकिंग करके आए हैं, लेकिन जो अचानक पहुंच रहे हैं, उन्हें ठहरने में परेशानी हो रही है।
सड़कों के किनारे खड़ी बाइकों और ऑटो के कारण रास्ता संकरा हो गया है, जिससे पैदल चलने वाले यात्रियों को भी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
प्रशासन की तैयारी
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल तैनात है। ट्रैफिक को सुचारू रखने के लिए वन-वे ट्रैफिक नियम का पालन करवाया जा रहा है। मगर संक्रांति मेला समिति मैदान, गुणायातन प्रवेश द्वार और अन्य प्रमुख मंदिरों के पास रुक-रुक कर जाम लग रहा है।
News Source Credit: यह जानकारी 'दैनिक जागरण' (Dainik Jagran) अख़बार की रिपोर्ट पर आधारित है।
Disclaimer: हम पाठकों को सलाह देते हैं कि मधुबन जाने से पहले ट्रैफिक और रहने की व्यवस्था की जानकारी जरूर ले लें।
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