Khunti News: Ultras Open Fire at Stone Crusher Plant, Demand ₹20 Lakh Ransom

Jharkhand Crime Alert: Ultras Open Fire at Stone Crusher Plant in Khunti, Demand ₹20 Lakh Ransom – PLFI के नाम पर फिर फैली दहशत

Khunti/Ranchi: झारखंड (Jharkhand) में नक्सलवाद और अपराधी गिरोहों (Criminal Gangs) की कमर टूटने के बावजूद, कुछ इलाकों में लेवी (Levy) और रंगदारी (Extortion) का खेल अब भी जारी है। एक ताज़ा और दिल दहला देने वाली घटना Khunti District के रनिया थाना क्षेत्र (Rania Police Station Area) से सामने आई है। यहाँ बेखौफ उग्रवादियों (Ultras) ने एक स्टोन क्रशर प्लांट (Stone Crusher Plant) पर धावा बोलकर दिनदहाड़े फायरिंग की और मालिक से ₹20 लाख की भारी-भरकम रंगदारी की मांग की है।

इस घटना ने एक बार फिर से पुलिस प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था (Security Arrangements) पर सवाल खड़े कर दिए हैं और इलाके के व्यापारियों (Businessmen) में डर का माहौल पैदा कर दिया है। Giridih Darpan आपके लिए लाया है इस घटना की पूरी विस्तृत रिपोर्ट (Detailed Report)।


क्या है पूरा मामला? (Complete Incident Details)

घटना खूंटी जिले के Rania इलाके की है, जो अक्सर नक्सली गतिविधियों (Naxal Activities) के लिए सुर्खियों में रहता है। मिली जानकारी के अनुसार, यह घटना उस वक्त घटी जब क्रशर प्लांट पर मज़दूर अपने काम में व्यस्त थे।

अचानक, कुछ हथियारबंद अपराधी (Armed Miscreants) वहां पहुंचे। सूत्रों के मुताबिक, वे मोटरसाइकिल पर सवार होकर आए थे। आते ही उन्होंने दहशत (Terror) फैलाने के मकसद से हवा में ताबड़तोड़ गोलियां चलानी शुरू कर दीं (Opened Fire in the air)। गोलीबारी की आवाज़ सुनते ही वहां काम कर रहे मजदूरों में भगदड़ मच गई। जान बचाने के लिए मज़दूर इधर-उधर भागने लगे।

प्रत्यक्षदर्शियों (Eyewitnesses) का कहना है: "वे लोग अचानक आए और गोलीबारी शुरू कर दी। उनका मकसद किसी को मारना नहीं, बल्कि डराना था। उन्होंने चिल्लाकर कहा कि बिना 'मैनेज' किए काम नहीं चलेगा।"

PLFI के नाम पर छोड़ा पर्चा (Pamphlet left in the name of PLFI)

फायरिंग करने के बाद, अपराधियों ने वहां एक हस्तलिखित पर्चा (Handwritten Note/Pamphlet) छोड़ा। यह पर्चा प्रतिबंधित संगठन PLFI (People's Liberation Front of India) के नाम पर था। झारखंड में PLFI एक कुख्यात उग्रवादी संगठन (Splinter Group) है जो अक्सर ठेकेदारों और व्यापारियों से लेवी वसूलने के लिए जाना जाता है।

पर्चे में साफ़ शब्दों में धमकी दी गई थी:

  • Demand: क्रशर मालिक को तुरंत ₹20 लाख रुपये (Rs 20 Lakh Ransom) पहुंचाने होंगे।
  • Threat: अगर पैसा नहीं दिया गया या पुलिस को सूचना दी गई, तो प्लांट में काम बंद करा दिया जाएगा और अंजाम बुरा होगा (Dire Consequences)।
  • Contact: पर्चे में संगठन से संपर्क करने की बात भी लिखी गई थी।

Police Action: खूंटी पुलिस की कार्रवाई और जांच

घटना की सूचना मिलते ही Rania Police और खूंटी जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी (Senior Officers) हरकत में आ गए। पुलिस की एक टीम तुरंत घटनास्थल (Crime Scene) पर पहुंची।

जांच के मुख्य बिंदु (Key Investigation Points):

  1. Evidence Collection: पुलिस ने घटनास्थल से गोली के खोखे (Empty Cartridges) बरामद किए हैं। साथ ही, अपराधियों द्वारा छोड़ा गया पर्चा (Parcha) भी ज़ब्त कर लिया गया है।
  2. Search Operation: पुलिस ने आसपास के जंगलों और संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी (Raids) शुरू कर दी है। चूँकि रनिया का इलाका जंगलों से घिरा है, इसलिए आशंका है कि अपराधी वारदात को अंजाम देकर जंगलों की ओर भाग गए होंगे।
  3. Identification: पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या यह वाकई PLFI का काम है या किसी स्थानीय अपराधी गिरोह (Local Gang) ने PLFI का नाम इस्तेमाल करके डराने की कोशिश की है।

झारखंड में 'लेवी' का आतंक (The Terror of Levy in Jharkhand)

झारखंड में विकास कार्यों (Development Works), सड़क निर्माण, और माइनिंग (Mining/Crusher) सेक्टर में लेवी वसूली एक बड़ी समस्या रही है। Giridih Darpan के विश्लेषण के अनुसार, हजारीबाग, रामगढ़, चतरा, लातेहार और खूंटी जैसे जिलों में अक्सर उग्रवादी संगठन अपनी मौजूदगी दर्ज कराने के लिए ऐसी वारदातों को अंजाम देते हैं।

PLFI (पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया) दिनेश गोप (Dinesh Gope) की गिरफ्तारी के बाद कमजोर पड़ गया था, लेकिन इस तरह की घटनाएं इशारा करती हैं कि संगठन के बचे-खुचे सदस्य (Remnants) या नए अपराधी गुट फिर से सिर उठाने की कोशिश कर रहे हैं। इनका मुख्य मकसद (Main Motive) सिर्फ और सिर्फ पैसा वसूलना होता है।

व्यापारियों में आक्रोश और डर (Fear among Business Owners)

इस घटना के बाद स्टोन क्रशर मालिकों और स्थानीय व्यवसायियों में काफी गुस्सा और डर है। उनका कहना है कि अगर पुलिस सुरक्षा (Police Protection) पुख्ता नहीं होगी, तो राज्य में बिजनेस करना मुश्किल हो जाएगा।

एक स्थानीय व्यापारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "हम टैक्स भरते हैं, रॉयल्टी देते हैं, लेकिन फिर भी हमें जान जोखिम में डालकर काम करना पड़ता है। रंगदारी की मांग पूरी न करने पर जान का खतरा बना रहता है।"

सुरक्षा के उपाय (Safety Measures Needed)

प्रशासन को चाहिए कि संवेदनशील इलाकों (Sensitive Areas) में:

  • पुलिस पिकेट (Police Pickets) की संख्या बढ़ाई जाए।
  • क्रशर प्लांट्स और माइंस क्षेत्रों में गश्त (Patrolling) तेज की जाए।
  • खुफिया तंत्र (Intelligence Network) को मजबूत किया जाए ताकि ऐसी घटनाओं को होने से पहले रोका जा सके।

निष्कर्ष (Conclusion)

खूंटी की यह घटना एक चेतावनी (Warning) है कि अपराध और उग्रवाद अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। ₹20 लाख की रंगदारी मांगना और दिनदहाड़े गोलीबारी करना कानून व्यवस्था (Law and Order) के लिए चुनौती है। अब देखना यह होगा कि Khunti Police कितनी जल्दी इन अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाती है।

Giridih Darpan अपने पाठकों से अपील करता है कि अगर आपको अपने आसपास कोई संदिग्ध गतिविधि दिखे, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। डरें नहीं, सतर्क रहें।


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