सोने और चांदी का नया युग: 2026 में क्या उम्मीद करें?


 

2025 में रिकॉर्ड तोड़ बढ़त के बाद अब सवाल है कि क्या यह तेजी जारी रहेगी? दिग्गज एक्सपर्ट रॉबर्ट गोटलिब (Robert Gottlieb) के अनुसार, यह केवल एक उछाल नहीं बल्कि बाजार में एक बड़ा संरचनात्मक बदलाव है।

किटकों न्यूज (Kitco News) के साथ एक इंटरव्यू में, JPMorgan और HSBC के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर रबर्ट गोटलिब ने बताया कि निवेशक अब हार्ड एसेट्स (Hard Assets) को अपनी जरूरत समझने लगे हैं।

गोल्ड (Gold): सेंट्रल बैंकों की नई पसंद

गोटलिब के अनुसार, सोने के लिए सबसे बड़ा बदलाव 2022 में आया जब अमेरिका ने रूस के खिलाफ डॉलर का इस्तेमाल किया। इसके बाद से दुनिया भर के सेंट्रल बैंक डॉलर के बजाय सोने में निवेश बढ़ा रहे हैं।

  • पॉलिसी का खेल: सेंट्रल बैंक सोने को कीमत देखकर नहीं, बल्कि अपनी आंतरिक और बाहरी सुरक्षा नीतियों के आधार पर खरीदते हैं।
  • स्थिरता: सेंट्रल बैंकों की यह भारी मांग सोने की कीमतों को गिरने नहीं देगी, भले ही सट्टेबाजी कम हो जाए।

चांदी (Silver): सप्लाई की भारी कमी

चांदी के मामले में गोटलिब का कहना है कि दुनिया में चांदी की भारी कमी होने लगी है। औद्योगिक मांग के कारण चांदी का स्टॉक खत्म हो रहा है, और इसकी सप्लाई चेन पर भारी दबाव है।

  • लिक्विडिटी की समस्या: चांदी के बाजार में शॉर्ट टर्म नहीं बल्कि लंबी अवधि की मजबूती दिख रही है।
  • औद्योगिक मांग: जैसे सोने को सेंट्रल बैंक सहारा दे रहे हैं, वैसे ही चांदी को इंडस्ट्रियल डिमांड (Industrial Demand) सपोर्ट करेगी।

2026 में क्या उम्मीद करें?

गोटलिब चेतावनी देते हैं कि 2026 साल 2025 जैसा विस्फोटक नहीं होगा। 2025 में हमने 60-70% का रिटर्न देखा, लेकिन 2026 में 10% से 15% की बढ़त की उम्मीद की जा सकती है।

निवेशकों के लिए सलाह: उतार-चढ़ाव से न डरें

गोटलिब का मानना है कि चांदी में गिरावट आ सकती है, लेकिन यह केवल एक 'रिसेट' होगा। निवेशकों को याद रखना चाहिए कि गिरावट हेल्दी होती है। अब लोग सोने-चांदी को केवल 'सुरक्षित विकल्प' नहीं, बल्कि अपने पोर्टफोलियो का 20% हिस्सा बनाने के बारे में सोच रहे हैं।


न्यूज क्रेडिट: Kitco News | रॉबर्ट गोटलिब का इंटरव्यू